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मुक्तक 1222-1222-1222-1222 (बहरे हज़ज मुसद्दस सालिम)

सभी देश वासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं                    मुक्तक  मनाएं ईद सब मिलकर,सदा मिल खेलते होली।   दुआएं एकदूजे के,लिए मांगे फै'ला झोली।। न वैरी तोड़ पाएगा,हमारी एकता को आ, सभी हम साथ हैं चाहे,कईं भाषा कईं बोली।  ___ हरदीप कौर इन्सां 'शार' ✍🏻

कुंडलियां छंद

परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन -अवतार दिवस की कुल-आलम,सम्पूर्ण सृष्टि को करोड़ों-अरबों बार बधाई हो जी 🙏💐            आए जी इस जनवरी,सतगुरु ले अवतार। काल जेल से रूह का,करने को छुटकार। करने को छुटकार,नाम जहाज बनाया। दे दी रूहें तार,अनामी है पहुंचाया।। यतन करूं जो लाख,गुरु गुण जाएं न गाए। खातिर हमरी आप,खुदा खुद चलकर आए।।              ********** कुल आलम में आज तो,छाई हुई बहार। मानस चोला धार के,आए हैं दातार।। आए हैं दातार,फूल देवों बरसाए। दो जग के पालनहार,धरत पर चरण टिकाए।। लगता सुंदर खूब,रूह को अपना बालम। पा जिनका दीदार,झूमता है कुल आलम।। ___हरदीप कौर इन्सां 'शार' ✍🏻